स्किन पर खुजली चलने, दाद हो जाने, फोड़े-फुंसी हो जाने पर खुजा-खुजाकर हाल बेहाल हो जाता है और लोगों के सामने शर्म भी आती है यदि आप कोई क्रीम या दवा लगाना न चाहें या लगाने पर भी आराम न हो तो घर पर ही यह चर्म रोगनाशक तेल बनाकर लगाएँ, इससे यह व्याधियाँ दूर हो जाती हैं.
सामग्री:
नीम की छाल- 20 ग्राम
चिरायता- 20 ग्राम
हल्दी- 20 ग्राम
लाल चन्दन- 20 ग्राम
हरड़- 20 ग्राम
बहेड़ा- 20 ग्राम
आँवला- 20 ग्राम
अड़ूसे के पत्ते- 20 ग्राम
तिल्ली का तेल-300 ग्राम
बनाने की विधि:
तिल्ली के तेल को छोड़कर बाकी सभी चीजे सब समान मात्रा में लेकर आठों द्रव्यों को 5-6 घंटे तक पानी में भिगोकर निकाल लें और पीसकर कल्क बना लें. अब पीठी से चार गुनी मात्रा में तिल का तेल और तेल से चार गुनी मात्रा में पानी लेकर मिलाकर एक बड़े बरतन में डाल दें. इसे मंदी आंच पर इतनी देर तक उबालें कि पानी जल जाए सिर्फ तेल बचे. इस तेल को शीशी में भरकर रख लें.
जहाँ भी खुजली चलती हो, दाद हो वहाँ या पूरे शरीर पर इस तेल की मलिश करें. यह तेल चमत्कारी प्रभाव करता है. लाभ होने तक यह मालिश जारी रखें, मालिश स्नान से पहले या सोते समय करें और चमत्कार देखें.