एक पर्स हर महिला का साथी होता है. इसके अंदर वो अपने सारी जरूरी चीजें रखती है. सुविधा के साथ साथ यह फैशन के तौर पर दिखने में भी अच्छा होता है. यदि आप एक लेदर पर्स खरीदने जा रही है तो पहले हमारा आर्टिकल जरूर पढ़ ले. आज कल बाजार में बहुत से नकली लेदर के पर्स मिल रहे है. इसलिए नीचे बताये तरीकों से लेदर की पहचान जरूर कर ले.
पहला टेस्ट: असली लैदर को पहचानने का पहला तरीका है ‘अग्नि परीक्षा’. जी हां, हम बात कर रहे हैं फायर टेस्ट की. लैदर असली जानवरों की चमड़ी से बनता है और बाद में इसका ट्रीटमेंट भी किया जाता है. जिससे ये जलता नहीं है. वहीं दूसरी तरफ, नकली लैदर को जलाने पर ये जल जाता है. क्योंकि ये ज़्यादातर प्लास्टिक का बना होता है. इसके लिए थोड़े से एरिया को जला कर देखें, इससे आपको असली या नकली का फर्क साफ पता चल जाएगा. कई मार्केट्स में दुकानदार अपने लैदर को सही साबित करने के लिए लाइटर भी रखते हैं. हालांकि ये टेस्ट करने से पहले दुकानदार की इजाज़त ज़रूर ले लें.
दूसरा टेस्ट: लैदर में सोखने की क्षमता होती है, क्योंकि इसमें स्किन के कई गुण होते है (जानवरों की स्किन से बने होने के चलते). इसलिए आप पानी की कुछ बूंदे प्रोडक्ट पर डालें, असली लैदर प्रोडक्ट पानी को सोख लेगा, जैसे स्किन सोख लेती है. वहीं नकली लैदर पर पानी फिसलने लगेगा. ये इस बात का संकेत है कि प्रोडक्ट लैदर नहीं, किसी और चीज़ का बना है. वॉर्निंग – टेस्ट के बाद पानी को लैदर पर ना छोड़े. ऐसा कहा जाता है कि ये टेस्ट कुछ ग्लोसी लैदर्स पर काम नहीं करता है.