छरहरा बदन हमेशा से ही सुंदरता का प्रतीक रहा है. लेकिन गलत खान-पान या रहन-सहन की वजह से शरीर के किसी खास हिस्से में अतिरिक्त वसा जमा हो जाता है, जो शारीरिक बनावट को कुरूप बना देता है. जब डायटिंग और व्यायाम की मदद से भी फिजूल वसा को हटाना मुश्किल हो जाता है तो लाइपोसक्शन विधि का सहारा लिया जाता है. इस विधि से शरीर के किसी खास हिस्से की स्थूलता को स्थायी तौर पर दूर किया जा सकता है.
चेहरे पर जमी चर्बी, गले की त्वचा के नीचे जमाव, जांघ, पेट, बांह या शरीर के किसी भी खास भाग में जमे अतिरिक्त वसा को भी लाइपोसक्शन विधि से हटाया जा सकता है. इसके अलावा कभी-कभी किसी कारणवश पुरुषों के वक्ष में अतिरिक्त वसा जमा हो जाता है. इसे भी लाइपोसक्शन से दूर किया जा सकता है.
लाइपोसक्शन विधि में शरीर के खास भाग में एक छोटा सा चीरा लगाकर उसके अंदर एक धातु की ट्यूब डाली जाती है. इसी ट्यूब के जरिए अतिरिक्त वसा को बाहर निकाल लिया जाता है. इस प्रक्रिया को मनचाहा आकार पाने तक जारी रखा जाता है. ऑपरेशन के दो हफ्ते बाद से व्यायाम प्रारंभ किया जा सकता है. यहा यह ध्यान रखने की जरूरत है कि लाइपोसक्शन मोटापा घटाने की विधि नहीं है.
कभी-कभी अपना वजन घटाने से या बच्चे को जन्म देने के बाद पेट की त्वचा काफी ढीली पड़ जाती है. पेट की मांसपेशियाँ भी सिकुड़ जाती है. पेट की ढीली त्वचा को कसने के लिए मामूली ऑपरेशन किया जाता है. इस ऑपरेशन में अतिरिक्त त्वचा को काट कर हटा दिया जाता है. कॉस्मेटिक सर्जरी की इस प्रकिया को एब्डोमिनोप्लास्टी या टमी टकिंग कहते हैं.
यदि किसी के पेट में काफी वसा जमा हो जाता है और किसी कारणवश पेट की त्वचा भी लटक जाती है तो उनके लिए लाइपोसक्शन और टमी टकिंग दोनों विधि का इस्तेमाल किया जाता है.