किसी भी ज्वैलरी पर हॉलमार्क की मोहर होना इस बात की गारंटी है कि ज्वैलरी शुद्ध है और आपके साथ धोखा नहीं हो रहा है. हॉलमार्क भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा दिया जाता है. हॉलमार्क वाली ज्वैलरी पर हॉलमार्क का साइन बना होता है तथा तीन अंकों की एक संख्या छपी होती है.
इस नम्बर के आधार पर आसानी से सोना अथवा चांदी की शुद्धता का पता लग जाता है जैसे कि हॉलमार्क वाले आभूषण पर 999 लिखा है तो सोना 99.9 फीसदी शुद्ध है. लेकिन अगर हॉलमार्क के साथ 916 का अंक लिखा हुआ है तो वह आभूषण 22 कैरेट का है और 91.6 फीसदी शुद्ध है. इसी तरह अलग-अलग नम्बर होते हैं.
राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय बाजार में सोने, चांदी जैसी महंगी धातुओं की कीमतें आमतौर पर बढ़ती-घटती रहती हैं. ऐसे में इनकी ज्वैलरी की कीमत भी बदलती रहती है. सोने की ज्वैलरी के मामले में ज्वैलरी 22 कैरेट की ही होती है. अतः जब भी आप सोने की ज्वैलरी लें तो उस दिन की शुद्ध सोने की मार्केट प्राइस देख लें और उसी के हिसाब से 22 कैरेट सोने की कीमत निकाल कर उसमें मेकिंग चार्जेज जोड़ दें. इस तरह से आपको ज्वैलरी की कीमत पता लग जाएगी.