कुछ सभ्यताओं में विवाह के बिना भी साथ रहना सामान्य माना जाता है. जबकि कुछ दूसरी सभ्यताएं जैसे कि दक्षिण पच्श्चिमी एशिया के देशों में शादी किये बिना साथ में रहने को सामाजिक स्वीकृति नहीं है. इसके बावजूद आजकल बहुत से युवा इस परंपरा में विश्वास रखने लगे हैं. यूरोप और अमरीका में इस सन्दर्भ में व्यक्तिगत धार्मिक मान्यता का अनुकरण करने कि स्वीकृति है.
दो लोग बिना शादी करने का फैसला कई कारणो से ले सकते हैं. हो सकता है कि वप सिंगल ही रहना चाहते हैं, उनकी आर्थिक स्थिति शादी कि ज़िम्मेदारियों लेने के अनुरूप न हो, या हो सकता है कि वो समलैंगिक हों और समाज में इसकी स्वीकृति न होने के कारन उनके पास और कोई चारा न हो. बहुत से लोग शादी से पूर्व एक साथ रह कर अपनी परस्पर अनुकूलता कि परीक्षा करना चाहते हैं.
लिव इन रिलेशन में भी गम्भीरता का सच लगभग शादी जितना ही माना जाता है. कुछ पश्चिमी देशो में लम्बे लिव इन रिलेशन को अलग होने कि स्थिति में शादी के बाद हुए तलाक जैसी ही मान्यता दी गयी है.